इंटर पोल:- इंटर पोल मेन पोलो के बीच में लगाए जाने वाले छोटे पोल होते है। इंटर पोलों को आर्मेचर के सीरीज में जोड़ा जाता है। आर्मेचर के सीरीज में जोड़ने से इंटर पोलों में आर्मेचर के समान ही करन्ट बढ़ता है तथा आर्मेचर में उत्पन्त बैंक इ.एम. एफ के समान ही वोल्टेज उत्पन्त होती है जिससे की बैंक ई.एम.एफ के रास्ते में बाधा उत्पन्त हो जाती है और कम्यूटेटर पर होने वाली स्पार्किंग कम हो जाती है इंटर पोलो पर मोटी तार की तथा कम टर्नो की वाइंडिंग की जाती है इंटर पोल की पोलैरिटी आर्मेचर के घूमने की दिशा में सामने आने वाले मुख्य पोल की पोलैरिटी के समान रखा जाता है।
कम्पैनसेटिंग वाइंडिंग :-कम्पैनसेटिंग वाइंडिंग कम टर्नो वाली वाइंडिंग होती है यह मोटी तारा द्वारा की जाती है। यह वाइंडिंग पोलों के फेज पर की जाती है। कम्पैेनसेटिंग वाइंडिंग कम्यूटेशन ही नहीं आर्मेचर रिएक्शन के निवारण के लिये भी प्रयोग की जाती है।