डी.सी. जेनरेटर ( D.C Generator hindi me) - डी.सी. जनरेटर उस मशीन को जाता है जो यांत्रिक ऊर्जा को डी.सी. विधुत ऊर्जा में बदलती है। अर्थात वह जनरेटर जिसे यांत्रिक ऊर्जा देन पर हमे विघुत ऊर्जा प्राप्त हो डी.सी. जनरेटर अथवा जनित्र कहलाता है। उत्पन्न हमेशा A.C ही होती है इस लिए डी.सी. मशीन में कम्यूटेटर का प्रयोग करके इसे A.C से डी.सी. में बदला जाता है।
डी.सी. जनरेटर का सिद्धांत ( Working principal of D.C Generator ) - जनरेटर फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के सिद्धान्त पर कार्य करता है । इस सिद्धान्त के अनुसार जब किसी चालक को चुंबकीय क्षेत्र में घुमाया जाता है तो इस चालक में विधुत ऊर्जा उत्पन्न हो जाती है और यह उत्पन्न ऊर्जा AC होती है क्यों कि उत्पन्न हमेशा A.C ही होती है परन्तु मशीन में कम्यूटेटर लगा होता है जो कि ए .सी को डी.सी. में परिवर्तित करता है।
Types of D.C Generator / डी.सी. जनरेटर के प्रकार - डी.सी. जनरेटर दो प्रकार के होते है -1. स्थाई चुम्बक डी.सी. जनरेटर / Permanent Magnet D.C Generator - इस प्रकार के जनरेटर में स्थाई चुम्बक का प्रयोग किया जाता है।
2. अस्थाई चुम्बक डी.सी. जनरेटर / Temporary Magnet D.C Generator - इस प्रकार के जनरेटरों में अस्थाई चुम्बक का प्रयोग किया जाता है। अस्थाई चुम्बक डी.सी. जनरेटर दो प्रकार के होते है -
1. सेपरेटली एक्साइटिड डी .सी. जेनरेटर ( Separately excited dc generator )- सैपरेटली एक्ससिटेड डी.सी. जनरेटर - इस प्रकार के जनरेटरों में फील्ड पोलों को एक्साइट करने के लिए फिल्ड वाइंडिंग को बाहरी स्त्रोत जैसे बैटरी या डायनमो इत्यादि द्वारा डी.सी. सप्लाई से जोड़ा जाता है जिससे कि फील्ड पोलों में चुम्बकीय फ्लक्स उत्पन्न होता है तथा जनरेटर को प्राइम - मूवर द्वारा घुमाने पर आर्मेचर में इ.एम. एफ. उत्पन्न हो जाती है । इस प्रकार के जनरेटरों का अधिकतर प्रयोग इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए किया जाता है इसे बूस्टर की भांती भी प्रयोग किया जाता है ।
11. सेल्फ सक्साइटिड डी .सी. जेनरेटर ( Self excited dc generator )
Self exited D.C generator के तीन प्रकार होते है -
A. डी सी शंट जनरेटर
B. डी सी सीरीज जनरेटर
C. डी सी कंपाउंड जनरेटर ।